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Showing posts from June, 2022

बारिश की चाय...

रिमझिम गिरती बूंदो को खिड़की से देखते हुए आज सुबह की चाय का मजा  दुगुना  हो गया। Spotify पर भी गानों  की महफ़िल जमी थी और मैं ना जाने कितने बीते हुए मौसम याद कर चुकी उनको सुनते हुए। क्या रिश्ता है बारिश का हम सभी से जो हम उसे इतना रूमानी कर देते हैं, हमारी बातों में, गानों में और यादों में भी? जैसे मुझे लगता है चाय के साथ भी हम बहुत ज्यादा गुफ्तगू कर लेते है। हर मौसम चाय का स्वाद अच्छा ही लगता हैं। चाहे गर्मियों की शामें हो, या जाड़ों की सुबहें या हो किसी गरजते हुए बारिश की दोपहर। हर शहर की बारिश का नजारा और मंज़र अलग, उनसे जुडी अनगिनत यादें और उन यादों में बसते हुए लोग। राह चलते मिले हुए चेहरों की भीड़ भी बारिशों में याद रह जाती। मुंबई की धुआंदार बारिश में कई बार बंद पड़ी ट्रेन में बैठे हुए जो निराशा होती थी वह शायद ही रास्ते पर चलते हुए ना महसूस हुयी हो। मरीन ड्राइव पर समंदर की ऊँची लहरें को देख ठण्ड से कापते हुए K Rustoms के आइसक्रीम सैंडविच का मजा ही कुछ और था। बैंगलोर की बारिश भी मुझे रूहानी लगती थी बस की खिड़की से देखते हुए। वहां पर सड़क के किनारे रूककर गाड़ियों के शोर ...